ग्रीम स्वान


आइए आपको एक ऐसे अंग्रेज खिलाङी से मिलवाते हैं जिसने अपनी टीम की हार से दुखी होकर ऐशेज सिरीज के दौरान ही सन्यास ले लिया था। वह ऐसे क्रिकेटर थे जो अपनी टीम को जीतते ही देखना पसंद करते थे और जब उनको लगा कि वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला पा रहे हैं तो उन्होंने सन्यास लेना ही उचित समझा।
ऐसा लगता है आजकल क्रिकेटर इतने प्रोफेशनल हो गये हैं कि उनको उनकी टीम की हार से भी बहुत दुख नही होता है। एक तरफ टीम की नैया डूब रही होती है तो वहीं दूसरी तरफ हम खिलाङियों को पवेलियन में मुस्कराते हुए देखते हैं। इन खिलाङियों की मुस्कान से यह पता चलता है कि उनके लिए हार-जीत बहुत मायने नही रखता है। हालांकि कुछ खिलाङी ऐसी हालात में रोते हुए भी देखे गये हैं लेकिन ज्यादातर खिलाङी भले ही फ्लाप हो गये हों लेकिन मुस्कुराते हुए ही दिखाई देते हैं।

ऐसा लगता है बहुत कम ऐसे अंतर्राष्ट्रीय खिलाङी हैं जिनको अपनी टीम की हार का दुख होता है और जब उनकी टीम मुसीबत में फंसी हुई होती है तब वह भी दुखी दिखाई देते हैं। इंग्लैंड के आफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने वर्ष 2013 में ऐशेज में इंग्लैंड टीम के लगातार तीन टेस्ट मैच हारने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास का ऐलान कर दिया था। स्वान ने जब सन्यास का ऐलान किया था तब उनकी उम्र 34 साल ही थी। उस समय जब ग्रीम स्वान ने सन्यास का ऐलान किया था तो वह उस सिरीज में बुरी तरह से फ्लाप रहे थे और तीन टेस्ट मैचों में जिसमें इंग्लैंड की हार हुई थी मात्र 7 विकेट ही ले सके थे उनपर टीम से बाहर होने का दबाव भी था।

ग्रीम स्वान ने इंग्लैंड के लिए 60 टेस्ट मैच खेले और 255 विकेट लिए वहीं स्वान ने 79 वनडे मैचों में 101 विकेट लिए। ग्रीम स्वान ने 39 टी20आई मैचों में भी 51 विकेट लिए थे। ग्रीम स्वान ने सिरीज के बीच ही अचानक सन्यास के फैसले से सभी क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर दिया था। ग्रीम स्वान के ही नक्शेकदम पर चलते हुए आस्ट्रेलियाई दौरे पर ही जारी टेस्ट सिरीज के बीच में ही भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी सन्यास की घोषणा कर दी थी।


 

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