क्या सच में एक कप्तान ही विजेता बनता है



[1:28 pm, 16/03/2024] Bade Bhaiya: ऐसा लग रहा है कि कोशिश यह नही हो रही कि सर्वश्रेष्ठ खिलाङी भारतीय टीम में हों और टीम को आईसीसी ट्राफियां जिताएं बल्कि कोशिश यह हो रही है कि कुछ पसंदीदा खिलाङी विश्वकप जरूर खेलें इसके बदले चाहे भारत विश्वकप ही क्यों न हार जाए। अभी कल ही जय शाह ने बयान दिया था कि ऋषभ पंत टी20 विश्वकप की भारतीय टीम के प्लान में शामिल हैं। आज खबर यह आ रही है कि विराट कोहली को शुभमन गिल के लिए टी20आई विश्वकप 2024 से ड्राप किया जा सकता है। 


सच बताएं तो यह सोच ही बहुत विनाशकारी है। जो भी यह सोच रहा है कि विराट कोहली की जगह शुभमन गिल टी20आई विश्वकप के लिए भारतीय टीम में बेहतर विकल्प होंगे उससे बङा षडयंत्रकारी कोई हो ही नही सकता है। एक कुतर्क यह भी पेश किया जाता रहा है कि विराट टी20आई में धीमा खेलते हैं तो सवाल यह भी है कि गिल कौन सा 180 की स्ट्राइक रेट से टी20आई में खेलते है? कुछ लोग यह भी तर्क दे रहे कि वेस्टइंडीज की पिच धीमी होती है ऐसे में विराट कोहली वहां सफल नही होंगे।


पिछले साल टी20आई विश्वकप में विराट कोहली ने भारत की तरफ से सबसे अधिक रन बनाए थे और पाकिस्तान के खिलाफ विराट की वह मैच विनिंग पारी कौन भूल सकता है? विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव के अलावा पिछले टी20 विश्वकप में कोई भी भारतीय बल्लेबाज अधिक रन नहीं बना सका था इसके बावजूद विराट को लेकर इस तरह की खबरें आना बेहद निराशाजनक है।


दूसरी खबर यह है कि ऋषभ पंत टी20आई विश्वकप में भारतीय टीम की तरफ से खेल सकते हैं इसका मतलब यह हुआ कि इतने दिनों से टी20आई टीम में ईशान किशन को इसीलिए लगातार अंदर बाहर किया जा रहा था जिससे वह सेट न हो पाएं और इसके बावजूद ईशान किशन ने टी20आई में अपने शानदार प्रदर्शन से टीम मे अपनी जगह बना ली थी फिर भी जब उनकी जगह जितेश शर्मा को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया गया तब किशन भी दुखी होकर दक्षिण अफ्रीका दौरे को बीच मे ही छोङकर भाग आए थे। इसके बाद ईशान किशन ने रणजी नही खेला और अब वह बीसीसीआई की सेन्ट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से भी बाहर कर दिए गये हैं।


इससे साफ है कि बीसीसीआई के लिए विश्वकप के लिए टी20आई टीम में ऋषभ पंत का होना जरूरी है जो इतने दिनों से क्रिकेट से दूर हैं और टीम में शुभमन गिल का होना बेहद जरूरी है जो टी20आई में अभी तक फेल रहे हैं। स्पष्ट है कि सिफारिशी खिलाङियों के टीम में और टैलेंटेड खिलाङियों के टीम से बाहर होने की वजह से ही भारतीय टीम एक भी फाइनल पिछले कुछ सालों से नहीं जीत पा रही है।


क्या आपको लगता है कि विराट कोहली और ईशान किशन को टी20आई टीम से बाहर करने की सोच रखने वाले भारतीय क्रिकेट के हित की सोच रहे हैं?

[1:32 pm, 16/03/2024] Bade Bhaiya: वाकई एक अच्छा और मैच्योर कप्तान ही अपनी टीम को चैंपियन बना सकता है यह हमने 2011 विश्वकप फाइनल में देखा था यही हमने 2023 विश्वकप में भी देखा था। 2011 में महेन्द्र सिंह धोनी खुद को प्रमोट करके ऊपरी क्रम में आते हैं और महत्वपूर्ण 91 रनों की मैच विनिंग पारी खेलते हैं ठीक ऐसे ही आस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस 2023 विश्वकप में अफगानिस्तान के खिलाफ बेहद मुश्किल समय में मैक्सवेल के साथ धैर्य दिखाते हुए आठवें विकेट के लिए अटूट 202 रनों की साझेदारी की थी जिसमें कमिंस के 68 गेंद पर केवल 12 रन ही थे। सोचिए क्या उस मैच में कमिंस ने एक कप्तान का रोल अच्छे से प्ले नही किया था? वह तो एक गेंदबाज हैं आउट भी हो जाते तो कोई सवाल नही उठाता लेकिन वे खङे रहे और टीम को जीत दिलाकर ही वापस लौटे थे। 


अब अगर चर्चा की जाए टाटा डब्लूपीएल 2024 में कल के एलिमिनेटर मैच की तो उसमें आरसीबी महिला टीम की कप्तान स्मृति मंधाना और मुम्बई इन्डियन्स महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर दोनों ही अपनी टीम के लिए मैच विनिंग पारियां खेलने में असमर्थ रहीं थी। स्मृति मंधाना उस वक्त आउट हो गयीं थी जब उनकी टीम का स्कोर मात्र 20 रन था। आरसीबी की तरफ से एलिस पैरी,श्रेयांका पाटिल और आशा शोभना इस मैच की मैच विनर खिलाङी साबित हुईं।


हरमनप्रीत कौर ने बिल्कुल वही कार्य किया जो 2016 टी20 विश्वकप में भारत के खिलाफ मुशफिकुर रहीम और महमूदुल्लाह ने किया था। टी20 विश्वकप 2016 में बांग्लादेश को भारत के खिलाफ जीत के लिए आखिरी ओवर में 11 रन बनाने थे और पांड्या की पहली गेंद पर महमूदुल्लाह ने सिंगल लेकर स्ट्राइक मुशफिकुर रहीम को दे दी थी जहां रहीम ने पांड्या की अगली दो गेंदों पर लगातार दो चौके जङकर बांग्लादेश को जीत के मुहाने पर खङा कर दिया था। जब बांग्लादेश को जीत के लिए तीन गेंद पर मात्र दो रन बनाने थे तब मुशफिकुर रहीम ने छक्का मारने का प्रयास किया और वह आउट हो गये। इसके बाद अगली गेंद पर महमूदुल्लाह भी छक्का ही मारने गये और वह भी आउट हो गये। आखिरी गेंद पर कप्तान धोनी के कमाल से मुस्तफिजुर रहमान रन आउट हो गये और भारत यह मुकाबला 1 रन से जीत गया था। सेमीफाइनल में पहुंचने की रेस में बने रहने के लिए टीम इंडिया को यह मुकाबला जीतना बेहद जरूरी था।


सोचिए अगर मुशफिकुर रहीम और महमूदुल्लाह ने टी20 विश्वकप 2016 में वह गलती न की होती तो क्या बांग्लादेश मैच जीत नही सकता था? क्या वहां छक्का मारने की कोई जरूरत थी? ठीक वैसे ही कल हरमनप्रीत कौर को वह शाट खेलने की कोई जरूरत नही थी। अगर हरमनप्रीत कौर थोङा सा धैर्य दिखाती तो यह मैच मुम्बई इन्डियन्स महिला टीम जरूर जीत सकती थी।


कुछ खिलाङियों के कुछ शाट हमें जीवन भर याद रहते हैं। पहला शाट जो हमें हमेशा याद रहेगा वह महेन्द्र सिंह धोनी का विश्वकप 2011 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ नुवान कुलशेखरा की गेंद पर है। दूसरा शाट भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का है जो उन्होंने 2023 विश्वकप फाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैक्सवेल की गेंद पर मारा था। तीसरा शाट जो हमें हमेशा याद रहेगा वह पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक का है जो उन्होंने टी20 विश्वकप 2007 के फाइनल में जोगिंदर शर्मा की गेंद पर मारा था जिनके उस शाट के बाद भारत पहली बार टी20 विश्वकप जीता था। मुम्बई इन्डियन्स के फैन को कल एलिमिनेटर मुकाबले में आरसीबी के खिलाफ कप्तान हरमनप्रीत कौर का वह शाट भी आजीवन याद रहेगा जिसके बाद मैच आरसीबी की पकङ में आ गया था।

 

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